वैसे उत्तर और मध्य भारत का पूरा मैदानी क्षेत्र भी धूप की दृष्टि से काफी संपन्न है और इस क्षेत्र के सभी राज्य केंद्रीय बिजली आयोग की ओर याचना भरी नजरों से देखते रहने के बदले सौर ऊर्जा के दोहन के लिए छोटे-छोटे और कम लागत वाले स्थानीय प्रयास शुरू कर सकते हैं।